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एम्प्रर पेंगुइन का पंखोंवाला कोट

एम्प्रर पेंगुइन का पंखोंवाला कोट

एम्प्रर पेंगुइन फुर्ती से पानी के अंदर तैरती है। और बर्फ की सतह पर तेज़ी से छलाँग मारती है। मगर कैसे?

एम्प्रर पेंगुइन का पंख

गौर कीजिए: एम्प्रर पेंगुइन अपने पंखों में हवा को कैद कर लेती है और हवा पेंगुइन के अंदर गरमी पैदा करती है, जिससे वे कड़ाके की ठंडी से बच सकती है। साथ-ही यह दो से तीन गुना ज़्यादा तेज़ी से तैर पाती है। वह कैसे? समुद्री-जीव विशेषज्ञ का मानना है कि वह अपने पंखों के बीच में से हवा के छोटे-छोटे बुलबुले छोड़ती है। बुलबुले निकलने की वजह से उसके शरीर की सतह पर घर्षण या दबाव कम हो जाता है, जिससे इसकी तैरने की रफ्तार बढ़ जाती है।

दिलचस्पी की बात यह है कि इंजीनियर ऐसे तरीकों पर अध्ययन कर रहे हैं कि वे किस तरह ऐसे बुलबुलों का इस्तेमाल करके जहाज़ के नीचे के भाग पर दबाव कम कर सकें। जिससे जहाज़ की रफ्तार बढ़ायी जा सके। हालाँकि खोज करनेवालों का यह भी मानना है कि इस विषय में और आगे खोजबीन करना चुनौती भरा है क्योंकि “पेंगुइन के शरीर की सतह इतनी जटिल है कि इंसानों की बनायी जहाज़ की छेदवाली झिल्ली या परत के रूप में इसकी नकल करना मुश्‍किल होगा।”

आपको क्या लगता है? क्या एम्प्रर पेंगुइन का पंखोंवाला कोट विकासवाद का नतीजा है? या क्या इसे रचा गया था? ◼ (g13-E 09)