गीत 118
“हमारा विश्वास बढ़ा”
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1. गलती अकसर ये हो जाती है हमसे,
अपना ही मन हमें धोखा देता।
मानते हैं हम, तू ही है सच्चा ईश्वर,
पर ये विश्वास कमज़ोर भी पड़ सकता।
(कोरस)
बढ़ा विश्वास हमारा, हे यहोवा!
बिनती सुन ले और कर हम पे दया!
बढ़ा विश्वास, कमी तू पूरी कर दे,
हर दिन सम्-मान हम दे सकें तुझे।
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2. याह, तुझ पे गर विश्वास रखें हम पूरा,
तभी खुश होके तू इनाम देगा।
विश्वास की ढाल करती रक्षा हमारी,
कल के लिए ना होंगे परेशाँ।
(कोरस)
बढ़ा विश्वास हमारा, हे यहोवा!
बिनती सुन ले और कर हम पे दया!
बढ़ा विश्वास, कमी तू पूरी कर दे,
हर दिन सम्-मान हम दे सकें तुझे।
(उत्प. 8:21; इब्रा. 11:6; 12:1 भी देखें।)