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गीत 62

नया गीत!

नया गीत!

(भजन 98)

  1. 1. गा, स्तुति के गीत, यहोवा की तारीफ में गा!

    हर दिशा, हर कोना, उसके करम बतला!

    याह बड़ा ही वीर, उसी की हरदम जीत होती।

    है इंसाफ-पसंद वो,

    करता है न्याय सही।

    (कोरस)

    गूँज उठे

    धरती पे गीत नया!

    ना कोई

    है याह तुझ-सा बादशाह!

  2. 2. सुर से सुर मिला, यहोवा की शान में तू गा!

    गा खुशी के नगमे, उसका मान तू बढ़ा!

    जातियाँ सभी, बजाएँ सारे साज़ लय में,

    वीणा, सारंगी, डफ,

    तुरही और नरसिंगे!

    (कोरस)

    गूँज उठे

    धरती पे गीत नया!

    ना कोई

    है याह तुझ-सा बादशाह!

  3. 3. गाती ये ज़मीं, समंदर की लहरें नाचें।

    गीत सुरीले झरने मस्ती में हैं गाते।

    झूमे आ-स-माँ, फिज़ा में हर डाली झूले;

    वादी और परबत पे

    तारीफ याह की गूँजे।

    (कोरस)

    गूँज उठे

    धरती पे गीत नया!

    ना कोई

    है याह तुझ-सा बादशाह!

(भज. 96:1; 149:1; यशा. 42:10 भी देखें।)