गीत 91
मेहनत हमारी—प्यार का सबूत
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1. यहोवा, खास दिन है ये;
तुझसे दुआ में अब कहते:
मानते एहसान तेरा, सौंप दिया
तूने काम हमें।
मेह-नत की प्यार से हमने,
तूने बरसायीं आशीषें;
तभी ये घर तेरा बन सका,
इन्हीं हाथों से।
(कोरस)
यहोवा, था बड़ा सम्-मान ये,
तेरी खातिर बनाएँ घर।
त-मन्-ना है यही कि कर लें सेवा तेरी;
स्तुति करें यूँ जीवन-भर।
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2. सब के चेहरे हैं खिले!
खुश हैं कि दिल के दोस्त बने!
सदा संजोएँगे यादें ये;
हम ना भूलेंगे!
पवित्र शक्-ति से याह,
ये काम एक मन से हो सका।
मिला इनाम इसका; नाम तेरा
और ऊँचा हुआ!
(कोरस)
यहोवा, था बड़ा सम्-मान ये,
तेरी खातिर बनाएँ घर।
त-मन्-ना है यही कि कर लें सेवा तेरी;
स्तुति करें यूँ जीवन-भर।
(भज. 116:1; 147:1; रोमि. 15:6 भी देखें।)