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गीत 98

परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखा शास्त्र

परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखा शास्त्र

(2 तीमुथियुस 3:16, 17)

  1. 1. शास्त्र याह का फैलाता नूर,

    मन का कर अँधेरा दूर।

    ये मशाल है सच्‌-चा-ई की,

    रस्ता दिखाए जो सही।

  2. 2. याह सिखाता है शास्त्र से,

    दे नसीहत, समझाए।

    गर अमल इस पे हम करें,

    होगा भला इस जीवन में।

  3. 3. शास्त्र से हमने ये सीखा,

    याह का प्यार कितना गहरा!

    रोज़-ब-रोज़ जब इसे पढ़ें,

    जीवन की राह पे चल सकें।

(भज. 119:105; नीति. 4:13 भी देखें।)