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दानियेल की किताब

अध्याय

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सारांश

  • 1

    • यरूशलेम की घेराबंदी (1, 2)

    • शाही घराने के जवान बंदियों को तालीम (3-5)

    • 4 इब्री जवानों की वफादारी की परीक्षा (6-21)

  • 2

    • राजा नबूकदनेस्सर ने बेचैन करनेवाला सपना देखा (1-4)

    • कोई भी ज्ञानी मतलब नहीं बता पाया (5-13)

    • दानियेल ने परमेश्‍वर से मदद माँगी (14-18)

    • रहस्य खोलने पर परमेश्‍वर की तारीफ (19-23)

    • दानियेल ने राजा को सपना बताया (24-35)

    • सपने का मतलब (36-45)

      • राज का पत्थर मूरत को चूर करेगा (44, 45)

    • राजा ने दानियेल का सम्मान किया (46-49)

  • 3

    • राजा नबूकदनेस्सर की सोने की मूरत (1-7)

      • मूरत की उपासना करने की माँग (4-6)

    • 3 इब्रियों पर आज्ञा तोड़ने का दोष (8-18)

      • ‘हम तेरे देवताओं की सेवा नहीं करेंगे’ (18)

    • आग के भट्ठे में फेंका गया (19-23)

    • चमत्कारी तरीके से बचाया गया (24-27)

    • राजा ने उनके परमेश्‍वर की बड़ाई की (28-30)

  • 4

    • राजा नबूकदनेस्सर ने कबूल किया कि परमेश्‍वर ही राजा है (1-3)

    • उसने एक पेड़ का सपना देखा (4-18)

      • पेड़ सात काल तक गिरा पड़ा रहेगा (16)

      • परमेश्‍वर इंसानों का राजा है (17)

    • दानियेल ने सपने का मतलब बताया (19-27)

    • सपना पहले राजा पर पूरा हुआ (28-36)

      • राजा सात काल तक पागल (32, 33)

    • उसने स्वर्ग के परमेश्‍वर की महिमा की (37)

  • 5

    • राजा बेलशस्सर की दावत (1-4)

    • दीवार पर हाथ की लिखाई (5-12)

    • दानियेल को इसका मतलब बताने के लिए कहा गया (13-25)

    • मतलब: बैबिलोन गिर जाएगा (26-31)

  • 6

    • दानियेल के खिलाफ साज़िश (1-9)

    • उसने प्रार्थना करना नहीं छोड़ा (10-15)

    • उसे शेरों की माँद में फेंका गया (16-24)

    • राजा दारा ने उसके परमेश्‍वर का आदर किया (25-28)

  • 7

    • चार जानवरों का दर्शन (1-8)

      • एक छोटा मगरूर सींग निकला (8)

    • अति प्राचीन की अदालत (9-14)

      • इंसान का बेटा राजा बनाया गया (13, 14)

    • दर्शन का मतलब दानियेल को बताया गया (15-28)

      • चार जानवर चार राजा हैं (17)

      • पवित्र जनों को राज मिलेगा (18)

      • दस सींग या राजा उठेंगे (24)

  • 8

    • मेढ़े और बकरे का दर्शन (1-14)

      • छोटे सींग ने खुद को ऊँचा उठाया (9-12)

      • जब तक 2,300 शाम और सुबह नहीं बीतते (14)

    • जिब्राईल ने दर्शन का मतलब बताया (15-27)

      • मेढ़े और बकरे का मतलब (20, 21)

      • एक खूँखार राजा उभरेगा (23-25)

  • 9

    • दानियेल ने पाप कबूल किया (1-19)

      • 70 साल तक उजाड़ पड़ा रहेगा (2)

    • जिब्राईल, दानियेल के पास आया (20-23)

    • 70 हफ्तों की भविष्यवाणी (24-27)

      • मसीहा 69 हफ्तों बाद प्रकट होगा (25)

      • वह काट डाला जाएगा (26)

      • नगरी और पवित्र जगह का नाश (26)

  • 10

    • एक स्वर्गदूत दानियेल से मिला (1-21)

      • मीकाएल ने स्वर्गदूत की मदद की (13)

  • 11

    • फारस और यूनान के राजा (1-4)

    • दक्षिण और उत्तर के राजा (5-45)

      • कर-वसूलनेवाला आएगा (20)

      • करार का अगुवा कुचला जाएगा (22)

      • किलों के देवता की महिमा हुई (38)

      • दक्षिण और उत्तर के राजा आपस में भिड़ेंगे (40)

      • पूरब और उत्तर से मिलनेवाली खबरें (44)

  • 12

    • ‘अंत का समय’ और उसके बाद (1-13)

      • मीकाएल खड़ा होगा (1)

      • अंदरूनी समझ रखनेवाले चमकेंगे (3)

      • सच्चा ज्ञान बहुत बढ़ जाएगा (4)

      • दानियेल हिस्सा पाने के लिए उठेगा (13)